गंगाजल को घर पर कहाँ और कैसे रखे ?

sbse uper

गंगाजल को घर पर कहाँ और कैसे रखे ?

 

Gangajal


हमारे देश में गंगा जल को इतना पवित्र माना गया है कि लोग इसे लेने के लिए केवल अपने देश से ही नही अपितु विदेशो से भी आते है और इस पवित्र गंगा जल में स्नान करके इसे अपने साथ घर ले जाते है । पवित्र गंगा जल से घर में धार्मिक अनुष्ठान,यज्ञ,और शुद्धीकरण किया जाता है जिससे घर में एक साकारात्मक शक्ति का उदय होता है ।अत :गंगाजल का उपयोग हिंदु धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु तक होता है जिसको स्पर्श तथा ग्रहण करने से मनुष्य मोक्ष को प्राप्त हो जाता है ।

गंगाजल को घर पर कहाँ और कैसे रखें ?

गंगा जल का महत्व

हिन्दु धार्मिक मान्यताओ के अनुसार पवित्र गंगा नदी को माँ का दर्जा दिया गया है । गंगा का जल हिन्दु धर्म में इतना महत्व रखता है कि इसके बिना कोई भी मांगलिक कार्य संपन्न नही होता है ।यहा तक की पवित्र अमृत के समान गंगा जल को लोग अपने घरो में पुजा-पाठ के लिए हर समय रखते है इस पवित्र जल की खाशियत ये है कि आप गंगा जल को कितने भी समय तक रखो ये खराब नही होता है और नाही रखे हुए पात्र में से गंगा का जल कम होता है । लेकिन यदि आप समान्य जल  को अपने घरो में ज्यादा समय तक रखो तो वह खराब हो जाता है और जल भी सुख जाता है ।

बलराम जी के हल की कथा ।

गंगा जल का उपयोग

हिन्दु धर्म के अनुसार माँ गंगा के जल के स्पर्श मात्र से ही मनुष्य सभी पापो से मुक्ती पा लेता है तथा उसके मोक्ष के दरवाजे हमेशा के लिए खुल जाते है ।
गंगा का निर्मल जल इतना शुद्ध और पवित्र है कि इसका अंदाजा नही लगाया जा सकता अत: गंगा जल का उपयोग हम निम्न कार्यो में करते है-

मंदिरो तथा घरो में पूजा होती है चरणामृत बनाया जाता है इस अमृत रुपी चरणामृत में गंगा जल और तुलसी का समावेश होता है जो एक प्रकार से भगवान को भोग लगाया जाता है और उसके बाद हम लोग प्रसाद के रुप में ग्रहण करते है ।
पुराणो के कथनानुसार भगवान शिव ने गंगा की विशाल जलधारा को अपने जटा में समाहित कर लिया था और शिव ने अपने जटा का एक भाग खोलकर गंगा को पृथ्वी पर अवतरित किया ।
सावन के महिने में शिवलिंग के उपर गंगा जल को दुध -दही में समावेश कर के चढाया जाता है जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते है और अपने भक्तो की मनोकामना पूर्ण करते हैं । इसके अतिरिक्त घरो के पुजा-पाठ में संकल्प लेने के लिए किया जाता है तथा    इस पवित्र जल का प्रयोग घर में शुद्धीकरण के लिए किया जाता है जिससे घर के दोष-संताप सब दुर हो जाते है और फिर से घर का नाकारात्मक वातावरण साकारात्मक हो जाता है ।
बहुत से वेद-पुराणो में गंगा जल के महत्व के बारे में बताया गया है कि गंगा जल को घर में रखने से सुख-शांति तथा समृद्धि होती है तथा प्रत्येक सोमवार को गंगा जल से शिवलिंग पर अभिषेक करने से अच्छा तथा मनवांछित फल की प्राप्ति होती है ।

भगवान कल्कि का कलियुग से संबध ।

गंगाजल को घर पर कहॉ और कैसे रखें ।

गंगा का जल इतना श्रेष्ठ और पवित्र है कि इससे स्नान करने से मनुष्य के सारे रोग-ब्याधि सब दुर हो जाते है
हिन्दु-धर्म को मानने वाले सभी लोगो के घरो में पवित्र गंगा का जल रखा जाता है । लेकिन अगर इसे और उचित स्थान तथा उचित पात्र में रखा जाये तो ये हमारे लिए और फलदायक होता है । आईए आगे जानते है कि गंगा जल को कहां पर और कैसे रखना चाहिए ।

1 - गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक के पात्र मे नही रखना चाहिए क्योंकि प्लास्टिक का पात्र अशुद्ध माना जाता है इसलिए इसे ताँबा अथवा चाँदी के बर्तन में रखना चाहिए । यह पात्र-पूजा पाठ के कार्यो के लिए सर्वोत्तम माना गया है ।

2 - गंगा का जल को हमेशा पूजनीय स्थल जैसे घर के मंदिर में ईशान कोण कोण में रखनी चाहिए क्योंकि धार्मिक कार्यो के लिए यह दिशा और स्थान उचित माना गया है ।

3 - गंगा जल को ऐसे स्थान पर हमेशा रखनी चाहिए जहा प्रकाश हो अंधेरे में नही रखना चाहिए और अपने घरो में पूजा-पाठ करने के बाद हर जगह गंगा जल का छिड़काव करके शुद्धीकरण करना  चाहिए ।

4 - गंगाजल का प्रयोग शाररिक व मानसिक शुद्धी के साथ करना चाहिए साथ ही गंगाजल को स्पर्श करने से पहले अपने हाथो को धोकर पवित्र मन से प्रणाम करके ही उपयोग करना चाहिए ।
अत: गंगाजल को घर में उचित रखरखाव से जुड़ी बातो का अवश्य ध्यान देना चाहिए ।

Disclaimer - इस पोस्ट में दी गई जानकारियां समान्य अध्ययन के अधार पर लिखी गयी है तथा Carealltype इसकी पुष्टी नही करता है अत: इस लेख पर अमल करने से पहले इससे संबधित उचित विशेषज्ञ की सलाह जरुर लें

Read Thisरामायण में 100 योजन पूल का क्या रहस्य है ?

 Read This ➡ दुनिया के सबसे प्रचीन शहर वाराणसी ।









close