बिल गेट्स की सफलता की प्रेरणादायक कहानी ( Bill Gates Success Story in Hindi
Bill Gates success story : दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक, बिल गेट्स ने कम उम्र में ही अपनी दूरदर्शिता और तकनीकी कुशलता से टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति ला दी। कुछ नया सीखने और कुछ कर दिखाने के उनके जुनून ने तकनीकी उद्योग पर बहुत गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने अपने दोस्त के साथ माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना कर, हर घर तक कंप्यूटर पहुँचाने के अपने सपने को पूरा किया। उन्होंने कंप्यूटर को चलाने के लिए विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया, ताकि लोग इसे आसानी से समझ सकें और एक ही जगह पर अपना सारा काम कर सकें।
इतना ही नहीं बिल गेट्स का सपना , केवल तकनीकि या उद्योग जगत में सफलता हासिल करना ही केवल लक्ष्य नहीं था । बल्कि उन्होंने बहुत से परोपकारी कार्य भी किए , जिसमें “बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन” की स्थापना कर अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य ,गरीबी दूर करने और नवाचार के क्षेत्र में विकास करने के लिए अरबों रुपए दान भी किए । साधारण शब्दों में कहा जाए तो बिल गेट्स ने तकनीक और परोपकार के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिए है । आज बिल गेट्स की सफलता की कहानी से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए ।
शुरू से था तकनीकी जुनून
बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 में सिएटल ,अमेरिका में हुआ था । इनके पिता एक वकील माता स्कूल में शिक्षिका थी । । बिल की शुरुआती पढ़ाई लेकसाइड स्कूल ( Lake side School ) और इनका गणित विषय सबसे स्ट्रांग रहा । बचपन से इनको कंप्यूटर तकनीकी में गहरा लगाव रहा है । ये स्कूल में अक्सर खाली समय निकालकर कंप्यूटर कक्ष में जा कर प्रोग्रामिंग सीखा करते थे । मात्र 13 साल की उम्र में बिल का कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में इतनी समझ हो गई थी कि , उन्होंने अपने स्कूल के कंप्यूटर पर ही एक गेम खेलने वाला पहला प्रोग्राम बनाया जिसका नाम टिक-टैक-टो था । इस कोडिंग से उनको बहुत कुछ सीखने को मिला और अनुभव भी हुआ ।
बिल को कंप्यूटर तकनीकी और प्रोग्रामिंग करने का इतना जुनून हो गया था कि इन्होंने अपने स्कूल के मित्र पॉल एलन के साथ मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया था जो ट्रैफिक एनालाइज करता था। उस समय बिल की उम्र 15 साल की थी । जी हाँ इन्होंने सड़कों पर चलने वाले वाहनों को गिनने वाला कंप्यूटर प्रोग्राम बनाया , जिसका नाम ट्रैफ-ओ-डेटा (Traf-O-Data) था । यह ऑटोमैटिक ट्रैफिक की गिनती कर रिकॉर्ड बता देता था । बिल और उनके मित्र की यह कंप्यूटर तकनीकी काबिल ए तारीफ थी लेकिन बाद में यह असफल हो गया। जिससे इस प्रोग्रामिंग को $20,000 में बेच दिया गया ।
कंप्यूटर तकनीक के लिए हार्वर्ड को छोड़ा
बिल गेट्स जब हार्वर्ड में पढ़ाई कर रहे थे तो उनके माता पिता बहुत खुश थे । क्योंकि उस समय हार्वर्ड जैसे उच्च संस्थानों में पढ़ाई करना बहुत बड़ी बात थी । बिल को कंप्यूटर तकनीकी में रुचि थी और पढ़ाई में भी , लेकिन वे तकनीकी दुनिया में कुछ प्रैक्टिकल करना चाहते थे । बिल के सामने दो चुनौतियां थी एक हार्वर्ड की पढ़ाई , जहां वे अपना करियर बना सकते थे और दूसरा कोडिंग के दम पर कंप्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर बना सके , जहां वे कंप्यूटर क्रांति के बदलाव का हिस्सा बन सके और कंप्यूटर उद्योग में नया कुछ कर सके ।बिल के प्रोग्रामिंग जुनून ने उनको हार्वर्ड छोड़ने पर मजबूर कर दिया क्योंकि वे किसी एक पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे और उन्होंने हार्वर्ड छोड़कर यह जोखिम लिया । हालांकि उनका फैसला यह भी था कि अगर कंप्यूटर तकनीकी में सफल नहीं होंगे तो फिर से हार्वर्ड आकर पढ़ाई पूरी कर सकते है ।
बिल गेट्स अब अपना ध्यान केवल पर्सनल कंप्यूटर के लिए प्रोग्रामिंग पर था और वह कोई सॉफ्टवेयर बनाना चाहते थे जो सभी के लिए आसान और सुलभ हो ।
एक समय ऐसा आया जब बिल गेट्स के दोस्त पॉल एलन ने उन्हें एक मैगजीन दिखाया जिस पर जिसपर एक माइक्रो कंप्यूटर का जिक्र था जिसका नाम अल्टेयर 8800 था । यह दुनिया का सबसे छोटा और पहला पर्सनल कंप्यूटर कीट था । बिल और उनके दोस्त को समझ आ गया कि उनका समय अब आ गया है अपने टैलेंट को दिखाने का , इस अवसर को वे गंवाना नहीं चाहते थे और वे भी जानते थे कि अगर हमने इसपर काम नहीं किया तो इस अवसर का फायदा कोई और ले जाएगा । बिल और एलन ने सोचा कि यह दुनिया का पहला कंप्यूटर कीट है जिसे चलाने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ेगी ।
फिर हुआ माइक्रोसॉफ्ट का उदय
बिल गेट्स और एलन मैगजीन के कवर पर छपे माइक्रो कंप्यूटर की तस्वीर से बहुत प्रभावित हुए । उन्होंने इस अवसर का लाभ उठाने के लिए , तथा व्यावसायिक जगत में अपना एक सुनहरा भविष्य को देखते हुए , उन्होंने सोचा कि इस कंप्यूटर को चलाने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ेगी । उन्होंने तुरन्त उस कंपनी से कॉन्टेक्ट किया जिसने अल्टेयर 8800 माइक्रो कंप्यूटर की जानकारी दी थी। उन्होंने उसके हेड से कहा कि हमने अल्टेयर के लिए प्रोग्रामिंग किया है जिसका डेमो आपको दिखाना चाहते है ।हेड ने उनको मिलने का समय दिया जहां वे उस कोडिंग का डेमो दिखा सकते थे । हालांकि एलन और बिल का कंपनी के हेड से बात करना , केवल अवसर पाना था जो मिल गया । कोडिंग में रुचि रखने वाले बिल में इतनी काबिलियत तो पहले से थी ही की वो कोई सॉफ्टवेयर बना सके । उन दोनों ने हार्वर्ड के कंप्यूटर से मेहनत करके डेमो के लिए सॉफ्टवेयर बना दिया और कंपनी के हेड को दिखाया भी और उनकी यह मेहनत सफल हो गई ।
बिल गेट्स और और एलन ने जिस कंपनी के लिए प्रोग्रामिंग भाषा का डेमो दिया था उसका नाम एमआईटीएस था । कंपनी ने उनकी यह डेमो को स्वीकार किया जो दोनों की बड़ी उपलब्धि और इतिहास रचने वाली थी । दोनों ने अपनी इस महान सफलता से मोटिवेट होकर माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखी और इस प्रकार 4 अप्रैल 1975 को माइक्रोसॉफ्ट का उदय हुआ ।
माइक्रोसॉफ्ट ने कई उपलब्धियां हासिल किया
चुनौतियों से पीछे नहीं हटे
बिल गेट्स और एलन पॉल ने माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना कर अल्टेयर 8800 माइक्रो कंप्यूटर कंपनी के साथ मिलकर काम करने लगे । लेकिन विडंबना और चुनौती यह थी कि लोग अल्टेयर 8800 कंप्यूटर तो ले जाते लेकिन सॉफ्टवेयर की कीमत नही चुकाना चाहते , आपस में उसे शेयर कर लेते । इस समस्या से सॉफ्टवेयर डेवलपर पर आर्थिक मनोबल डाउन हो रहा था । क्योंकि उनको मेहनत के लिए आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही थी । हालांकि यह समस्या बड़ी थी और इसके लिए बिल ने मुद्दा भी उठाया था ।बिल गेट्स और उनके मित्र पॉल अपने कुशल तकनीक से लगातार काम करते रहे और अपने संघर्ष और जुनून से माइक्रोसॉफ्ट को उस मुकाम पर पहुंचा दिया कि उनकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट दूसरे कंपनी के लिए जरूरत बन गई ।
IBM के साथ साझेदारी
फिर एक दिन वह समय आया , जब इस समस्या का समाधान भी हो गए । 19 के दशक में आईबीएम ( IBM ) नाम से पर्सनल कंप्यूटर की एक पॉपुलर कंपनी थी जिसे अपने कंप्यूटर्स के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता थी ।बिल गेट्स और पॉल के लिए अच्छा अवसर था IBM के लिए सॉफ्टवेयर बनाना , ताकि उनकी कंपनी और ऊंचाइयों को छूए । उन्होंने IBM कंप्यूटर के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया जिसका नाम MS-DOS था । माइक्रोसॉफ्ट ने आईबीएम के साथ यह भी सुनिश्चित किया कि वह कंप्यूटर के साथ साथ MS-DOS सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करके बेचे । इस तरह दोनों कंपनियों के बीच 6 नवंबर 1980 को डील पर हस्ताक्षर हुआ ।
विंडोज से एक सफल दौर शुरू हुआ
इस सफल साझेदारी के बाद माइक्रोसॉफ्ट की किस्मत खुल गई इसका नेटवर्थ में भरी इजाफा हुआ था ।बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने MS-DOS के साथ अधिग्रहण करने के बाद कंप्यूटर तकनीकी से वैश्विक जगत में धूम मचा दिया । माइक्रोसॉफ्ट ने इसके बाद 1985 से विंडोज पर कार्य करना शुरू कर दिया जिसमें यूजर को टैक्स्ट कमांड की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि , Mouse का दौर आ गया l Microsoft ने Windows 1.0 , Windows 95 , 98, XP, 7 , 8 10 ,11 वर्शन जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम दिए । जिसमें पुराने के मुकाबले अधिक फीचर था और आसानी से चलाया जा सकता था ।
अमीरी के साथ परोपकार की भावना
बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक रहे है । माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना के बाद कई वर्षों तक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति भी रहे है । आज इनका स्थान टॉप 10 दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति से बाहर हो गया है । लेकिन ये वो 1995 से लेकर 2007 ले कर लगातार 12 वर्षों तक दुनिया के सबसे अमीर बने रहे है । बिल गेट्स दान पुण्य और परोपकारी काम भी करते है जिसके लिए इन्होंने अरबों रुपए दान भी दिए है ।सन् 2000 में बिल ने माइक्रोसॉफ्ट के एसीईओ पद से इस्तीफा भी दे दिया था और उसी समय वे और उनकी पत्नी ने एक फाउंडर बनाया था जिसका नाम बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन था । यह गैंडे गरीब लोगों के लिए आर्थिक सहायता , कैंसर के उपचार , और विकास के उद्देश्य के लिया बनाया गया था । बिल ने आज तक 100 बिलियन डॉलर की राशि दान कर चुके है । और भविष्य में भी वे परोपकारी कार्यों में दान करने की घोषणा भी कर चुके है । बिल गेट्स आज भले दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 12 वे नंबर पर है और उनका कुल संपति ( Bill Gates Networth ) अभी तक 122 अरब डॉलर है । हालांकि उनकी संपति में बहुत ही गिरावट हुई है जिसका कारण उनके परोपकारी कार्यों में दान करना है ।
अंत में –
बिल गेट्स तकनीकी में निपुण , दूरदर्शी सोच रखने वाले और समाज कल्याण के लिए काम करने वाले इंसान थे । उन्होंने असफलता को कभी कमजोरी नहीं मानी उन्होंने असफलता को सफलता की सीढ़ी के रूप में देखा , और चुनौतियों का सामना किया बजाए , उससे पीछे हटने के , उन्होंने चुनौतियों से भी सीखना और आगे कैसे बढ़ा जाता है दुनिया को दिखा दिया । बिल गेट्स का पूरा जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है जिनसे हम सभी को सीखना चाहिए । आज का पोस्ट बिल गेट्स की सफलता की कहानी ( Bill Gates Ki Success Story ) . आपने पढ़ा हमें उम्मीद है कि यह पोस्ट पढ़कर, आपको अच्छा लगा होगा। धन्यवाद