बस नंबर 375 की डरावनी और रहस्यमयी कहानी

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बस नंबर 375 की डरावनी और रहस्यमयी कहानी

 





Bus no 375 : आपने इंटरनेट पर बहुत सी ऐसी भूतिया कहानी पढे होंगे जो हम सभी को केवल एक काल्पनिक कहानी लगता है लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती है जो केवल वास्तविक होती है जो बिते हुए वर्षो में घटित हो चुकी होती है और उस सच्ची घटना की कहानी हमे वहां के स्थानीय लोगो  द्वारा सुनने को मिलती है ।
ऐसे ही हम चीन के बीजिंग ( Beijing ) शहर में घटित एक रहस्यमयी और डरावनी घटना का यहां जिक्र करेंगे जो बहुत साल पहले घटित हुई थी । हलॉकि लगभग हर समय कई चीनी अंग्रेजी वेबसाइट में इस घटना के बारे में सुनने को मिलता है आखिर में इस रहस्यमयी घटना का जिक्र बार-बार क्यों होता हैं तथा क्यो बस नंबर 375 का नाम क्यों लोगो के मन में बार-बार उभर कर आता हैं । क्या यह घटना एक वास्तविक घटना है या फिर एक पहेली है जो लोगो को उसको जानने के लिए बार-बार उत्सुक करती हैं ।

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अगर आप भी ऐसे ही Famous unsolved mysteries को जानने में रुची रखते हैं तो आपको यह सच्ची भूतिया कहानी आपको पढने में जरुर आनंद आएगा । तो चलिए हम आज bus no 375 की रहस्यमयी और भूतो की कहानी को पढने और जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर बस नंबर 375 में कौन सी भूतिया घटनाएं हुई थी जो लोगो में आज भी चर्चा का बिषय है तथा जिसकी कहानी दुनिया भर में बहुत ही मशहुर है ।

बस नंबर 375 की डरावनी कहानी

आज से लगभग 27 साल पहले चीन ( China ) के बीजिंग शहर में एक रहस्यमयी घटना उजागर हुई जिसका संबंध वहां की बस नंबर 375 से की जाती है इस घटना का जिक्र बीजिंग के कई अग्रेंजी वेबसाइटों में पढने को मिलती है । हलॉकि यह घटित घटना एक सच्चाई है या काल्पनीक , या दो दशक पहले ऐसा कुछ हुआ था जिसके चलते चीन के बस नंबर 375 की डरावनी कहानी ( Chinese horror story bus 375 ) लोगो के जहन में बार-बार उभर कर सामने आती है इसलिए आज भी लोग रात के समय में बस से यात्रा करने में डरते हैं क्योंकि लोगो के जहन में यह बात घर कर गई है कि रूट नंबर 375 वाली रहस्यमयी घटना डरावनी भूतिया है ।
हलॉकि चीनी अखबारो और अंग्रेजी वेबसाइटो में इस Chinese Horror Story के बारे में विस्तृत जानकारी पढने को मिलते हैं जिनकी हकीकत क्या है आज हम पढने वाले हैं ।

यह कहानी चीन के बीजिंग शहर की है जहां पर 14 नवंबर 1995 की वह अंधेरी रात थी सर्दी का मौसम व घना कोहरा छाया हुआ था , ठण्डी का मौसम होने के साथ-साथ शर्द हवाएं भी चल रही थी जिसके कारण काली रात में रूट नंबर 375 की बस रोज की भॉति अपने गंतब्य स्थान के लिए रवाना हुई . बस के अंदर यात्रियो से पूरी सीट भरी हुई थी जिनमे प्रत्येक यात्री को कोई न कोई बस स्टाप पर उतरना था लोग अपने-अपने गंतब्य स्थान पर पहुचने के लिए बहुत ही बेचैन थे क्योंकि ठण्डी का मौसम था और रात भी हो गई थी इसलिए बस प्रत्येक बस स्टाप पर रुक-रुक कर जाती थी जिससे जिनको जहां पर उतरना था वह यात्री बस से उतर जाए धीरे-धीरे बस सभी स्टाप पर रुकती गई और बस से यात्री उतरते गए . अब बस पुरी तरह से यात्रियों से खाली हो चुकी थी .

जब बस के पुरे यात्री नीचे उतर गए...

जब सभी यात्री बस से उतरकर अपने-अपने घरो की ओर चले जाते हैं तो बस में ड्राइवर और महिला कंडक्टर के अलावा कोई यात्री नही रहता है और बस को रात में अभी बहुत लंबा सफर करना बाकी था जो घने जंगलो और उँचे-उँचे पहाड़ो के मध्य चलकर चलकर अभी 7 स्टॉप को पार करना था जो बस ड्राइवर के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती थी ।
और चुनौती हो भी क्यो न , क्योंकि ठंडी के मौसम में जंगलो और पहाड़ो के बीच ड्राइव करना इतना असान काम नही होता है जिस रास्ते पर बस के लाइट पड़ने पर केवल धूंध दिखाई देता हो , चारो ओर पसरा सन्नाटा और घूमावदार सड़के हो उस रास्ते पर बस जैसी बड़े वाहन को चलाना बहुत मुश्किल भरा काम होता है ।
फिर भी बस के ड्राइवर और महिला कंडक्टर हिम्मत जुटाकर बस पर चढते हैं और बस को स्टार्ट कर आगे की तरफ चल देते हैं  ।

अगले स्टॉप पर चार लोग बस में चढे...

अब बस नंबर 375 आधी रात में अपने चाल से घने कोहरो के बीच चल रही थी और बस ने एक - दो बस स्टॉप को पार भी कर लिया था तभी अगले स्टॉप पर कुछ और लोग चढे जिनको देखने में ऐसा लग रहा था कि वह यात्री हैं और वह अपनी आगे के सफर के लिए बस का इंतजार कर रहे थे जिसमें एक वृद्ध महिला और उसके साथ में एक 19 वर्षीय लड़का था जो बस में चढे तथा उनके बाद एक कपल भी बस के अंदर चढें , यानी अब बस में कुल 6 लोग हो गए थे जिनमें चार यात्री और बस का ड्राइवर और एक महिला कंडक्टर थी ।
ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर कपल जाकर बैठ गए और दरवाजे के पास वाली सीट के पास वह 19 वर्षीय जवान लड़का बैठा था जो वृद्ध महिला के ठीक आगे वाली सीट थी ।

ड्राइवर को रास्ते में कुछ लोग दिखे...

जब बस 4 यात्रियो को लेकर उस स्टॉप से रवाना हुई तो रात बहुत ज्यादा हो चुकी थी और आगे किसी भी यात्री को बस में चढने की संभावना नही दिख रही थी इसलिए ड्राइवर ने महिला कंडक्टर से बस के दरवाजे बंद करने के लिए बोला , क्योंकि बस के अंदर ठण्डी हवा भी आ रही थी इसलिए दरवाजे को बंद कर दिया गया और बस ड्राइवर नीश्चिंत होकर बस को चला रहा था और धीरे-धीरे जब बस 4 स्टॉप को और पार कर गई तब अचानक सुन-सान सड़क पर रात के अंधेरो में ड्रॉइवर को रास्ते में कुछ लोग दिखे , जो केवल दो व्यक्ती थे लेकिन वे लोग जहां पर खड़े थे वहां पर कोई भी बस स्टॉप नही था इसलिए ड्रॉइवर ने सोचा की बस नही रोकेंगे , लेकिन महिला कंडक्टर को उन लोगो पर दया आ गई और वह ड्रॉइवर को बस रोकने के लिए कहने और समझाने लगी की यह इस रुट की आखिरी बस है और रात के समय है वे दो लोग कहा और कैसे अपने घर जाएंगे ।
महिला कंडक्टर की बात सुनकर ड्राइवर ने बस रोककर उन दो लोगो को बस में बैठा लिया ।

जब बस में हैरतअंगेज दृश्य दिखने को मिला...

बस नंबर 375 में हैरान करने वाला दृश्य यह था कि ड्राइवर को रास्ते में जो दो लोग दिखे थे और वे बस में चढने के बाद दो से तीन हो गए थे .
और उन्हे देखने में ऐसा लग रहा था कि वह किसी नाटक मंडली से आए हुए हैं जो ज्यादा रात होने और थके होने के कारण अपना कपड़ा बदलना भूल गए हैं . वे एकदम अजीब लग रहे थे जिन्हे देखने पर ऐसा प्रतीत होता था कि वह आम इंसान नही है क्योंकि उनका चेहरा एकदम सफेद और बड़े-बड़े बाल डरावनी लग रही थी और उनमें जो तीसरा आदमी था वह एक के कंधे पर उसका सिर टिका और झुका हुआ था जो बहुत ही अजीब लग रहा था , खैर कुछ देर तक सभी बस के यात्री इन तीनो लोगो को देखकर आपस में बात करने में मशगूल हो गए और कुछ लोग नींद भी लेने लगे . लेकिन जो वृद्ध महिला पीछे मुड़कर बार-बार उन लोगो को निहार रही थी उसको ऐसा लग रहा था मानो कुछ गड़बड है इसलिए उन तीनो लोगो पर ज्यादा ध्यान दे रही थी . तभी अचानक अगले स्टॉप पर बस रुकती है और वहां पर यंग कपल बस से उतर जाते हैं ।

जब वृृद्ध महिला अचानक चिल्लाने लगी...

यंग कपल के उतरने के बाद बस नंबर 375 फिर अपने सात लोगो को लेकर अगले स्टॉप के लिए रवाना होती है और जब कुछ समय तक बस चलती है तो एकबार और वृद्ध औरत पीछे मुड़कर उन तीन लोगो को देखती है और उसके बाद अपने सामने बैठे हुए 19 वर्षीय लड़के के तरफ देखती है और उसको एक जोरदार थप्पड़ जड़ देती है और जोर-जोर से चिल्लाने लगती है कि मेरा पर्स गुम हो गया है जो तुमने ही चुराया है , मेरा पर्स जल्दी मुझे वापस करो , बताओ मेरा पर्स तुमने क्यो चुराया , मेरा पर्स कहांं है ? वृद्ध महिला के इस सोर - गुल से सभी बस में बैठे लोग हक्का-बक्का रह गए कि आखिर में अचानक इस बूढी औरत को हो क्या गया है और इसका पर्स कौन चुरा लिया . सभी लोग इधर-उधर देखने लगे , तभी लड़के ने वृद्ध महिला से कहा कि मैने आपका पर्स नही चुराया है भला मैं ऐसा क्यूँ करूंगा , लड़के की बात सुनकर महिला कंडक्टर ने भी वृद्ध महिला से कहा कि हां वह लड़का आपका पर्स कैसे चुरा सकता है क्योंकि वह तो आपके आगे बैठा है जो आपके ठीक सामने है आपको जरुर कोई गलतफहमी हुई होगी ।
बस ड्रॉइवर व कंडक्टर के द्वारा बार-बार लड़के को निर्दोष बताए जाने पर भी वृद्ध महिला अपनी बातो से पीछे नही हटी और वह लड़के को दोषी बताकर ड्राइवर को अगले स्टॉप पर बस रोकने के लिए कहने लगी और लड़के को पुलिस स्टेशन ले जाने की बात करने लगी । ड्राइवर ने आखिर में विवश होकर अगले स्टॉप पर बस रोककर उन दोनो को नीचे उतार दिया ।

वृद्ध महिला ने लड़के को डरावनी बात बताई...

जब वृद्ध महिला ने लड़के को चोरी का आरोप लगाकर उसे बस नीचे उतार दिया और अपने भी उतर गई . जिस कारण लड़का बहुत ही परेशान हो गया था कि जब मैने चोरी की ही नही तो ये वृद्ध महिला मेरे उपर ऐसा आरोप क्यों लगा रही है ऐसा सवाल लड़के के मन में चल रहा था . तभी वृद्ध महिला ने अपने चारो तरफ देखा और फिर लड़के को देखकर एक लंबी राहत की सांस ली , और तभी परेशान लड़के के कंधे पर हाथ रखकर बोली की , परेशान मत हो , मेरा पर्स चोरी नही हुआ है मैने यह चोरी का ड्रॉमा केवल तुम्हारी जान बचाने के लिए किया  है क्योंकि अगर मै ऐसा नही करती तो शायद हम लोग जिंदा नही होते .महिला की बात सुनकर लड़का आश्चर्यचकित होकर बोला कि यह आप क्या बोल रही हैं और आखिर में आपने मेरी जान कैसे और किससे बचाई है , तभी वृद्ध महिला ने लड़के से कहा कि तुम्हे याद है कि बस में जब हम लोग यात्रा कर रहे थे तो सुन-सान रास्ते में दो लोग बस में चढे थे जो बस के अंदर तीन लोग दिखाई दे रहे थे मै तभी से उन लोगो को देख रही थी वे लोग शुरु से ही अजीब लग रहे थे मै समझ गई थी कि वह आम इंसान नही हैं और जानते हो उस समय मेरे को पुरा विश्वास हो गया जिस समय हवा के द्वारा उनके कपड़े इधर-उधर उड़ रहे थे तभी मैने उनके पैरो की तरफ देखा तो सन्न रह गई क्योंकि उनके तो पैर ही नही थे तब मै जान गई कि वे इंसान नही है वे भूत है इसलिए मैने पर्स चोरी का ड्रामा कर अपने आपको और तुमको बस से उतारना चाहती थी . ये सब बाते सुनकर लड़के ने उस वृद्ध महिला को धन्यवाद किया और वे दोनो पुलिस स्टेशन गए और पुलिस को पुरी बात बताई , लेकिन पुलिस ने इस बात को गंभीरता से नही लिया और उन दोनो को घर जाने के लिए बोल दिया ।

बस नंबर 375 की गायब होने की सुचना मिली...

जब बूढी औरत और लड़का बस नंबर 375 की आपबीति सुनाने पुलिस स्टेशन गए तो इनकी बातो को गंभीरता से नही लिया गया , लेकिन अगले दिन सुबह जब पुलिस को यह सूचना  मिली की Yuan Ming Huan’s बस टर्मिनल से Fragrant Hill तक जाने वाली रूट बस नंबर 375 लापता है वह अपने निर्धारित स्टेशन पर नही पहुची है तो यह खबर पुरे बीजिंग में आग की तरह फैल गई और और यह घटना पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई जिससे पुलिस यह सोचने पर विवश हो गई कि रात के समय जो वृद्ध महिला व लड़के जो बात का जिक्र कर रहे थे वह घटना वास्तव में सही था ।
इसके बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और उसी समय पुन: वृद्ध महिला व लड़के को पुलिस स्टेशन बुलाकर एक बार विस्तार से बस नंबर 375 के बारे में घटित जानकारी उनसे लेकर पुलिस तुरंत बस की खोज-बीन शुरु कर देती है और उस रुट की सभी सीसीटीवी कैमरे को चेक किया जाता है लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इन कैमरो में इस रुट पर कोई भी बस दिखाई नही दिया जिससे बस को पता करने में और कठिनाई होने लगी ।

जब पुलिस को बस की जानकारी मिली...

जब पुलिस ने बस नंबर 375 की रुट का कैमरा खंगाल लिया और हर जगह की खोजबीन कर के थक गई लेकिन उस समय पुलिस को कोई सुराग नही मिला । लेकिन 16 नवंबर को पुलिस को कही से सूचना मिली की Fragrant Hill से करीब 100 km की दुरी पर नदी मे एक बस गिरी है तो फौरन पुलिस अपने दल-बल के साथ दुर्घटनास्थल पर पहुचती है और क्रेन की मदद से उस बस को बाहर निकाला जाता है जिसके अंदर 5 लोगो की लाश निकलती है जिसमें एक औरत की लाश होती है और जांच मे यह पाया जाता है कि यह वही Bus no 375  है जो गायब हुई थी और जिसके बारे में उस दीन रात में वृद्ध महिला व नवयुवक बताना चाह रहे थे की बस में ड्राइवर व महिला कंडक्टर के अलावा तीन लोग और बैठे थे जो इंसान नही कोई भूत लग रहे थे क्योंकि उनके पैर ही नही थे ।


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घटना से संबंधित आश्चर्यजनक किस्से...

बस को नदी से लगभग दो दिन बाद बाहर निकाला गया और यह पाया गया कि बस में पांच लोगो की लाशे हैं लेकिन दो लाशे सही-सलामत हैं लेकिन बाकि बची तीन तीन लाश पुरी तरह से सड़-गल गई है आखिर में दो दीन में लाश सड़ कैसे सकती है यानी वे तीनो लाशे जो थी वह वास्तव में किसी भूत की थी । इसके अलावा दुसरी बात यह देखा गया कि जिस रुट पर बस चल रही थी उस रुट के सभी सीसीटीवी कैमरे में बस का कुछ पता नही चला , यानि कैमरे में बस कैद नही हुई यह बातें सभी को आश्चर्यचकित किया ।
तीसरी बाते जो सबको आश्चर्यचकित किया जो सबसे अजीब था वह यह था कि बस के फ्यूल टैंक में इतना फ्यूल ही नही था कि बस और 100 किमी चल सकती थी लेकिन यह कैसे और इतनी दुर तक जा सकी । बाद में जब फ्यूल टैंक को खोला गया और देखा गया कि उसमें कितना फ्यूल बचा है तो यह सच सामने आया कि टैंक में फ्यूल ही नही है  बल्कि, फ्यूल की जगह पर खून है यानी , पूरा टैंक खून से भरा हुआ है जिससे देखकर सभी लोग डर गए और यह बातें पुरे चीन के बीजिंग शहर में फैल गई । इस लिए बस नंबर 375 ( Bus no 375 ) की डरावनी कहानी आज भी लोगो के जहन में फैली हुई है ।
हलॉकि इस घटना को बहुत से लोग एक काल्पनिक कहानी मानते हैं लेकिन कुछ लोग इसको सच भी बताते हैं ।

डिस्कलेमर -

यह पोस्ट इंटरनेट पर दी गई जानकारियों के द्वारा लिखा गया है तथा इसमें Carealltype का कोई भी व्यक्तीगत विचार सम्मलित नही है इसलिए यह कहानी वास्तविक है या काल्पनीक हम दावा नही करते है ।










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