हनुमान जन्मोत्सव का यह कथा क्यों सुना जाता है ?

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हनुमान जन्मोत्सव का यह कथा क्यों सुना जाता है ?

 

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Hanuman Janmotsav : हिंदु धर्म में बजरंगबली को शिव जी का अवतार माना गया है तथा वे राम जी के अनन्य व प्रिय भक्त थे । माता अंजना व पिता केसरी के पुत्र बजरंग बली का जन्मोत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है । 23 अप्रैल 2014 दिन मंगलवार को हनुमान जयंती है ।   मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन माना जाता है । इस दिन बजरंगबली की पुजा , पाठ , अनुष्ठान व कथा सुनने से घर में धन धान्य की वृद्धी होती है तथा रोग , दुख , क्लेश सब दुर होते है । इस लिए हम सभी को हनुमान जन्मोत्सव ( hanuman janmotsav ) पर हनुमान चालीसा का पाठ , सुंदरकांड आदि का पाठ करना चाहिए तथा हनुमान जी के जन्म की कथा जरुर पढना चाहिए ।

हनुमान जन्मोत्सव कब मनाया जाता है ( Hanuman Janmotsav Date )

भगवान श्री हनुमानजी का जन्मोत्सव हर साल दो बार मनाया जाता है बजरंग बली के भक्तजनो को हनुमान जन्मोत्सव के दिन आने पर बहुत ही उत्सुकता देखी जाती है तथा सभी लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं । और हनुमान जी के जन्म दिवस के मौके पर उनके सभी मंदिरो को फूल-मालाओ से सजा दिया जाता है ।

 23 अप्रैल 2024 महावीर हनुमान के जन्मोत्सव के दिन बजरंग बली को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों में सुबह से ही विधिवत पुजा व अनुष्ठान आदि की तैयारी चलती रहेगी तथा कथा और प्रवचन सुबह से शाम तक चलते रहते हैं ।
हनुमान जन्मोत्सव साल मे दो बार  मनाया जाता है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है तथा दुसरा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भी मनाया जाता है । जो बहुत ही विशेष दिन होता है ।

हनुमान जन्मोत्सव दो बार क्यों मनाया जाता है ( Hanuman Janmotsav celebrated )

संकटमोचन हनुमान जी का जन्मोत्सव प्रत्येक साल दो बार मनाया जाता है जिसमें पहला कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को तथा दुसरा चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है ।
पूर्णिमा के दिन जो हनुमान जन्मोत्सव मनाई जाती है उसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है ।
धर्मग्रंथो के अनुसार ,  जब हनुमान जी छोटे थे तो उन्होने एकबार भगवान सुर्य को फल समझकर अपने मुख में निगल लिए थे जिस कारण पृथ्वी पर अंधेरा छा गया और हलचल मच गई ।
यह बात जब इंद्रदेव को पता चली तो उन्होने अपने बज्र से मारुति पर प्रहार कर दिए थे जिसके बाद बजरंग बली मूर्छित होकर पृथ्वी पर गिर गए थे ।
यह बात जब पवन देव को पता चली की मारुती मुर्छित है और इंद्रदेव ने उन्हे घायल कर दिया है तो पवन देव ने पुरे ब्रह्मांड की वायु रोक दिया था जिसपर ब्रह्मा जी ने मारुती को पुन: जीवनदान देकर स्वस्थ किया था इसलिए इस दिन को मारुतिके जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है

हनुमान जन्मोत्सव कैसे मनाएं  ( Hanuman janmotsav 2024 In Hindi )

पवन पुत्र हनुमान का जन्म उत्सव मनाना बहुत ही फलदायी माना जाता है अगर आप हनुमान जन्मोत्सव के दिन सुबह स्नान आदि पुजा-पाठ करते हैं तो बजरंगबली आप पर बहुत प्रसन्न रहते हैं और आप उनकी विशेष कृपा बनी रहेगी ।
हनुमान जन्मोत्सव सभी को उमंग के साथ मनाना चाहिए इस दिन सभी को स्नान कर हनुमान जी के मंदिर में लाल या पीला चोला का चढावा दें  तथा साथ में तुलसी की माला पहनाकर लड्डू प्रसाद के रुप में चढाना चाहिए । इस खास दिन पर सुबह-शाम हनुमान जी के आसन या मंदिर में देशी घी का दीपक प्रज्जवलित करें तथा साथ मे हनुमान चलीसा , सुंदरकांड आदि का पाठ करें ।

हनुमान जी की जन्म की कथा ( hanuman janmotsav katha in hindi )

हनुमान जी की माता अंजना एक अप्सरा थी और पिता वानर राज केसरी सुमेरु के राजा थे । किसी श्राप के कारण माता अंजना को पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा था वे शिव जी की परम भक्त थी उन्होने शिव जी की लगातार 12 वर्षो तक तपश्या की , जिसके फलस्वरुप हनुमान जी का जन्म हुआ था । बजरंग बली को शिव जी का ही 11 वां रुद्र अवतार माना जाता है ।
हनुमान जी के जन्म से जुड़ी और एक कथा सुनी जाती है । कहा जाता है कि राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति के लिए अग्नि देव को प्रसन्न करने के लिए अपने तीनो रानियों के साथ यज्ञ कर रहे थे और यज्ञ संपूर्ण होने के बाद अग्नि देव प्रकट होकर राजा दरशरथ को खीर दिया और कहा की यह तीनो रानियों को खिला दे । उसी समय एक कौवा ने उसमें से कुछ खीर मुंह में दबाकर आसमान में उड़ता हुआ जा रहा था और कुछ खीर कौवे के मुह से निकलकर अंजना मां के मुख में गिर गया जो वह कही तपस्या कर रही थी । उसी खीर को खाने से माता अंजना के गर्भ में संतान का वाश हुआ जिनका हनुमान के रुप में जन्म हुआ ।

अंत में -

आज के पोस्ट में आपने हनुमान जी के जन्म उत्सव के बारे में पढा और जाना कि उनका जन्म कब हुआ था या कैसे हुआ था तथा हनुमान जी के जन्म की कथा पी आपने पढा , हमें उम्मीद है कि Hanuman Janmotsav का यह पोस्ट पढकर अच्छा लगा होगा । धन्यवाद


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