एमबीए चाय वाला की सफलता की कहानी

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एमबीए चाय वाला की सफलता की कहानी

 

Praful Billore Biography MBA Chai Wala Succes Story : परिश्रम और दृढ संकल्प सफलता की एक ऐसी सीढी है जो शुरु में तो दिखायी नही देती है लेकिन जब इंसान सफलता के शिखर बिंदु पर पहुच जाता है तो अपने आप दुनिया में उसकी सफलता की गुंज सुनायी देने लगती है ।अगर किसी इंसान को अपने जीवन में कुछ करने का जज्बा हो तो प्रकृति भी साथ देने लगती है वातावरण में आपके लछ्य के मुताबिक छोटी-छोटी संभावनाए पैदा होने लगती है जो आपकी सफलता की सुचक बनती है ।
एक सफल इंसान की लाइफ स्टोरी बहुत ही रोचक होती है अगर उस इंसान के संघर्ष से सफलता के बारे  में जानने का प्रयास किया जाए तो हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

Praful Billore


Praful Billore MBA Chai Wala Biography in hindi

आज हम बात करेंगे ऐसे ही एक शख्स के बारे में जिनका नाम प्रफुल्ल बिल्लौर (praful billore ) है जिनका जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव मे हुआ था और लोग उनको आज MBA Chai wala के नाम  से जानते है । जो कि अहमदाबाद में चाय का बिजनेस करते है और ये वहां पर "एमबीए चाय वाला" के नाम से बहुत प्रसिद्ध हो गये है और इनकी ब्यवसाय की बात की जाए तो आप भी सुनकर आश्चर्यचकित हो जाएगे । इन्होने अपने व्यवसाय के टर्नओवर को पिछले चार सालो में तीन करोड़ तक पहुचा दिया । तो आईए प्रफुल्ल बिल्लौर के संघर्ष से सफलता की कहानी के बारे में पढते हैं तथा Praful Billore Succes Motivation story MBA Chai Wala के जीवन से सबंधित रोचक जानकारी को पढकर अपने जीवन में उसे उतारने का प्रयास करेंगे ।

Praful Billare Biography MBA Chai Wala Succesfull Story lin hindi


अब हम इस प्रेरक कहानी के मुख्य पात्र प्रफुल बिल्लैर के जीवन बारे में जानने की कोशिश करते हैं कि 14 जनवरी 1994 को जन्मे खरा,इंदौर मध्य प्रदेश के 25 वर्षीय बालक अपने कालेज के दिनो में MBA करना चाहता था और इनके निर्णय को घर वाले भी स्वीकार कर लिए थे । इन्होने IIM अहमदाबाद से CAT की लगातार 3 साल तक तैयारी की लेकिन वह असफल रह ।अपनी असफलता को देखते हुए प्रफुल उदास रहने लगे और इन्होने CAT की तैयारी को कुछ समय के लिए छोड़ दिया ।

Praful Billore Ki Sangharsh Aur Safalata

जब प्रफुल CAT की तीन साल तैयारी करने के बाद सफल नही हुये तथा उसके बाद वे अपने पिता जी से बात किए और उन्होने उनसे सब बात बता दी कि आगे वह पढना नही चाहते अब वह कुछ नया करना चाहते है उन्होने इसके बाद मुंबई,चेन्नई,बेंगलुरु, दिल्ली,
अहमदाबाद बहुत से जगहो पर भ्रमण किये लेकिन अंत में आकर वे अहमदाबाद में रुक गए और यहा पर MBA Chai Wala के नाम से ख्याति प्राप्त की और लोग इन्हे यह इस नाम से जानने लगे ।
प्रफुल ने पहले ही सोंच लिया था कि वो कुछ अलग करेंगे लेकिन क्या करेंगे वो पता नही था । उन्होने शुरु में मैकडोनाल्ड में 35 रु प्रति घंटे पर स्वीपर की नौकरी भी करना शुरु कर दिए और कुछ दिन बाद वे स्वीपर से वेटर का काम देखने लगे तथा अपने काम का एक्सपिरियंस भी लेने लगे और तरह-तरह से लोगो से भेंट मुलाकात भी होने लगी थी उनसे कुछ अपने विचार शेयर करते और उनकी भी बातो सुना करते थे और अपनी आगे के लछ्य को हासिल करने के लिए अनुभव और लोगो के विचार का तालमेल बैठाया करते थे ।

मैकडोनाल्ड मे काम करने के बाद उनको बहुत कुछ अनुभव और लोगो से बात करके उनके विचार से उन्हे बहुत कुछा मिला परन्तु वे सोंचने लगे कुछ नया करने के लिए क्योंकि वे अपने आप में कहने लगे कि आखिर में ये काम वो कब तक करेंगे ।मतलब कि कुछ ऐसा करे कि अपना पहचान हो लोगो के बीच में  ऐसे ऐसे करने के लिए उनके मन में विचार उत्पन्न होने लगा लेकिन करें भी तो करें क्या क्योकि कोई बड़ा विजनेस करने के लिए उनके पास उतना पैसा भी नही था कि कुछ कर सके ।

Praful Billore Succes Story MBA Chai Wala

जब प्रफुल ने सोंच लिया था कि वे कुछ अलग करेंगे लेकिन उनको कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या करें । सपने तो बड़े थे लेकिन उसको पुरा करने के लिए बड़ी कठिनाई थी । तत्पश्चात उन्होने यह तय किया कि क्यों न अपने बड़े सपनो को छोटे भागो में बाँट कर संघर्ष किया जाए और इससे अपना लछ्य पुरा किया जाए । तब प्रफुल के इन निराशा भरी जिंदगी में कुछ ख्याल आया और वे सोंचने लगे कि क्यों न अपनी चाय का कारोबार किया जाए क्योंकि धंधा तो धंधा होता है चाहे वह बड़ा हो या फिर छोटा धंधा । चाय के कारोबार के लिए उनके पास पैसे नही थे लेकिन इन्होने अपने पिता जी को फोन करके बताया कि उनको 10000 रुपये चाहिए अपनी किसी कोर्स के लिए लेकिन उन्होने झुठ बोला वे इस पैसे को अपने चाय के कारोबार में लगाना चाहते थे ।प्रफुल ने इन पैसे से चाय के कारोबार के लिए एक ठेला और बर्तन लिए ।

Praful Billore को अपना बिजनेस बंद करना पड़ा

जब प्रफुल अपना चाय बेचने का पुरा समान खरीद लिए और अपना बिजनेस स्टार्ट कर दिया और अपने टी-स्टाल को सड़क किनारे लगा दिये लेकिन पहले दिन उनकी एक भी चाय नही बिकी तब उन्होने सोंचा कि आज तो कोई चाय सेल नही हुई है लोग आ नही रहें है चाय पीने के लिए तब उनके दिमाग में एक बात आयी,उन्होने सोंचा कि लोग आ नही सकते हमारे यहा लेकिन मै तो उनके पास जा सकता हूँ यही सोंचकर उन्होने अपनी चाय देने का समान लेकर चल दिये और उन्होने उस दिन 6 चाय बेची, प्रफुल पढे लिखे एजुकेटेड पर्सन थे और अच्छा अंग्रेजी बोल लेते थे और चाय बेचते वक्त अंग्रेजी का इस्तेमाल भी करते थे लोग उन्हे देखकर आश्चर्य चकित होते कि एक अंग्रेजी बोलने वाला चाय बेच रहा है यही से धीरे-धीरे वे फेमस होने लगे और लोगो के नजरो मे आकर्षित होने लगे । हर दिन उनकी चाय सेलिंग में वृद्धी होने लगी तथा आमदनी भी अच्छी होने लगी । प्रफुल सुबह 9 से 4 बजे तक जॉब भी करते थे और शाम को 7 से 11 बजे अपना चाय का इस्टाल लगाते
जब उनका ये चाय का बिजनेस बहुत चलने लगा तो तो उन्होने अपना 9 बजे से 4 बजे तक का जॉब छोड़ दिया तथा अपना पुरा फोकस चाय के कारोबार पर लगा दिया और धीरे-धीरे उनका कारोबार बढता गया
तभी अचानक एक दिन उनके पिता का फोन आया और उन्होने उनकी स्टडी से सबंधित कॉलेज डिटेल मांगा क्योंकि प्रफुल ने स्टडी के बहाने ही उनसे 10000 रुपये लिए थे,जब उनके पिता ने डिटेल मांगा तो उन्होने बोल दिया कि अभी फार्म नही आया है 2-3 दिन में फार्म आ जाएगा तो वे उसे भरकर एडमिशन ले लेंगे । इसके बाद उन्होने अपने पिता से फिर 50000 हजार रुपये लिए MBA के लिए क्योंकि उनके पिता भी चाहते थे कि वे MBA करें।
प्रफुल ने भी MBA कालेज में दाखिला ले लिया और कुछ दिनो तक पढाई भी की,लेकिन एक दिन अचानक वे चलती क्लास को छोड़कर वापस आ गये और अपने चाय के बिजनेस पर फोकस करने लगे ।
लेकिन एक दिन ऐसा समय आया कि प्रफुल को अपनी दुकान बंद करनी पड़ी, उनका बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया और तबसे वे उदास रहने लगे तथा उनके मन में निगेटिव सोंच आने लगा और वे अंदर से हतास हो गये थे । बिजनेस में उनका अच्छा-खासा कस्टमर भी बन गये थे और इनको ढूँढ भी रहे थे सोशल मिडीया आदि पर।

Praful Billare का नये इरादो के साथ वापसी

प्रफुल कुछ दिनो तक अपना चाय का बिजनेस छोड़कर उदास रहने लगे और तभी अचानक उनके दिमाग में ख्याल आया कि यार कोई भी काम में कुछ न कुछ रुकावटे आती ही रहती है क्यों न उसका डटकर सामना किया जाए या कुछ अलग तरीको से नया सोच के साथ काम स्टार्ट किया जाए । और प्रफुल की इस साकारात्मक सोच ने रंग ला दिया ।
और वे एक नयी उम्मीद के साथ फिर चल दिये अहमदाबाद में कोई ऐसा जगह की तलाश करने जहां पर उनको कोई परेशानी या रुकावटे ना आए । उन्होने अहमदाबाद में एक हास्पिटल को देखा जहां पर अच्छी खासी भीड़ रहती थी और चाय का बिजनेस करने के लिए खाली जगह भी था लेकिन वहां पर स्टाल लगाने के लिए केवल परमिशन की आवश्यकता थी और वो मिल भी गया तथा प्रफुल उस जगह के लिए किराया भी देने के लिए तैयार थे ।
जब प्रफुल ने हास्पीटल के बगल में स्टाल लगा दिये और वहां पर उन्होने कुछ नया काम किया वो काम ये था कि स्टाल में एक नोटिस बोर्ड लगा दिया और उस बोर्ड में लिखा कि अगर किसी को नौकरी की आवश्यकता है तो यहा संपर्क करें तथा अपना डिटेल दे, क्योंकि प्रफुल की इतनी जान पहचान हो गयी थी कि कई तरह के ऐसे लोग उनकी दुकान में आया करते थे ।तो प्रफुल के इस नयी सोंच से बहुत से लोगो को जाब मिला तथा बहुत से लोगो की इनकी सहायता से शादिया भी हुई तथा बहुत से लोगो का कई तरह से हेल्प भी हुआ, जिससे लोग इनके दुकान पर आना पसंद करने लगे ।

क्यों नाम रखा MBA चाय वाला

Praful का जब चाय का बिजनेस अच्छा चलने लगा लोगो के साथ अच्छा संपर्क भी बन गया तो उन्होने सोचा कि कोई भी बिजनेस करने के लिए उसका मार्केटिंग भी करना जरुरी हैं । लेकिन मार्केटिंग करने के लिए बिजनेस का कोई नाम चाहिए, तब उन्होने
400 नामों की लिस्ट बनाई जिसमे से उन्होने "मिस्टर बिल्लोरे" अहमदाबाद नाम को सलेक्ट किया जिसका शार्ट फार्म  "MBA चाय वाला" रखा । हलाँकि उनके इस नाम से बहुत से लोग हँसी भी उड़ाते थे क्योकि वे सचमुच एजुकेटेड पर्सन थे, कुछ तो लोग यहा तक उनको कह दिए कि नाम बदल लो वर्ना धंधा नही चलने वाला कहकर खिल्ली भी उड़ा रहे थे । तब प्रफुल ने कहां कि "जिनका मेरे संघर्ष और सफलता में कोई हाथ नही है हमे उनकी सलाह की कोई जरुरत नही है"

MBA चाय वाला की उपलब्धियाँ

प्रफुल बिल्लौर की इस संघर्ष भरी सफलता हर जगह गूंजने लगी,लोग उनकी चर्चाए करने लगे तथा वे हर जगह फेमस हो गये । उन्होने वेलेटाईन डे के दिन चाय को फ्री कर दिया था तथा वे शादी समारोह,पार्टी,बर्थडे हर जगह पर बुकिंग लेने लगे और तबसे और फेमस हो गए । मिस्टर बिल्लौर ने बहुत से लोगो का फाइनेंशियल सपोर्ट भी किया तथा कम से कम 40-50 लोगो को रोजगार दिया यानि की जिस तरह से उनको बना हर तरह से जरुरतमंद लोगो को सपोर्ट किये । इस तरह से उनका MBA Chai Wala कैफे देश तथा विदेशो में भी मशहुर हो गया ।
उन्होने भारत के बिभीन्न कालेजो में सफलता के टिप्स भी दिये तथा वहा पर भी अपनी संघर्ष भरी सफलता की व्याख्यान दिए जहां वे MBA करना चाहते थे आईआईएम अहमदाबाद मे भी । उनका 300 स्क्वायर फीट मे कैफे है और एमबीए चायवाला का पुरे भारत में फेंचाईजी भी चलती है ।
प्रफुल बताते हैं कि सफलता के लिए केवल डिग्री मायने नही रखती बल्कि ग्यान मायने रखता है, वे कहते हैं कि कल जो हमारे काम देखकर जलते थे तथा खिल्लियां उड़ाते थे आज मेरे से वो आदर सम्मान के साथ बात करते है और हमसे टिप्स लेते हैं

Conclusion - प्रफुल गुल्लैर की इस संघर्ष भरी सफलता हमें एक प्रेरणा देती है कि कोई भी काम करो अपना पूरा 100 प्रतिशत श्रम और दृढ निश्चय लगा दो तथा अपने मार्ग से विचलित ना हो और किसी भी काम की सफलता के लिए कुछ नया करो ।
तो इस तरह से आपने  प्रफुल बिल्लैर MBA चाय वाला की Succes story को पढा Prafull Billore  Biography MBA Chai Wala Succes Story को जाना और समझा।अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो कृपया मेरे फेसबुक पेज को लाइक करें तथा पोस्ट को अपने दोस्तो के यहा शेयर करें ।








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