Himba Tribe Women : आज भी दुनिया में ऐसी जनजातियाँ मौजूद हैं जो अपनी अनोखी पारंपरिक वेशभूषा को अपनाती आ रही हैं। उनका जीवन यापन, रहन-सहन और दिनचर्या शहरी लोगों को आश्चर्यचकित करती है। इन जनजातियों की परंपराएँ भी अनूठी हैं, जिन्हें ये लोग बहुत सम्मान के साथ निभाते हैं। अफ़्रीका के नामीबिया में रहने वाली हिम्बा जनजाति (Himba Tribe) की संस्कृति विशेष रूप से अजीब है और लोगों का ध्यान आकर्षित करती है। यहाँ की महिलाओं की एक परंपरा बहुत विचित्र है । वे अपने जीवन में या साल में केवल एक बार ही नहाती हैं । आज जम इस पोस्ट में हिंबा ट्राइब महिलाओं और लोगों के बारे में बताने जा रहे है । इसलिए आप इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें ।

जानिए कौन हैं हिम्बा जनजाति के लोग
हिम्बा जनजाति अफ़्रीका की एक अर्ध-खानाबदोश (semi-nomadic) जनजाति है । यह मुख्य रूप से नामीबिया के रेगिस्तानी क्षेत्रों में निवास करती है। इस जनजाति के जीवन यापन का मुख्य साधन पशुपालन है, और वे जीने के लिए मवेशियों विशेषकर गाय, भेड़ और बकरियों पर निर्भर रहते हैं।
केवल शादी के दिन नहाती हैं महिलाएं
अपनी अनूठी जीवनशैली के तहत हिम्बा जनजाति की महिलाएं हाथ धोने और नहाने के लिए पानी का उपयोग नहीं करती हैं। वे साल में केवल एक बार अपनी शादी के दिन पानी से स्नान करती हैं । वे अपने शरीर को स्वच्छ रखने के लिए विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों को पानी में उबालकर धुआं स्नान ( Smoke Bath ) करती हैं । यह जड़ी बूटी उन्हें स्वच्छ रखता है और स्वस्थ भी रखता है । इन प्राकृतिक जड़ी बूटियों से शरीर में भाप लेने से , गंदगी दूर हो जाती है ।
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एक विशेष लेप उन्हें धूप से बचाती है
हिंबा के लोगो का रेगिस्तान में जीवन यापन करना बहुत कठिन होता है । रेगिस्तान में त्वचा को जला देने वाली सूर्य की किरण बहुत ही तेज होती है । धूप से बचने के लिए हिंबा लोग एक विशेष प्रकार का लेप बनाते है । यह लेप प्राकृतिक लाल गेरू मिट्टी (otjize) और जानवरों की वसा से बनाया जाता है। इसी लेप को हिंबा जनजाति के लोग अपने शरीर पर करते है और धूप से अपने को बचाते हैं । इसी लेप के कारण उनका शरीर लाल हो जाता है । जिस कारण इन्हें रेड मेन भी कहा जाता है ।
हिंबा ट्राइब महिलाओं का जीवन–यापन ( Himba Tribe Women Life)
इस जनजाति की महिलाएं बहुत ही परिश्रमी होती है । घर के पुरुष मवेशियों को को चराने के लिए बाहर चले जाते है । महिलाएं घर का काम , बच्चों की देख–भाल आदि का काम करती है । हिंबा औरतें खाना बनाने के लिए लकड़ी , पानी आदि इकट्ठा करती है । यहां तक कि मवेशियों से दूध निकालने का काम भी करती है । खाली समय में महिलाएं हस्तशिल्प कारीगरी का काम भी करती है । रेगिस्तान में पानी की कमी के कारण , यहां के लोग नहाने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं करते है । पेड़–पौधों और पत्तियों से मिलकर बनी हुई जड़ी बूटी , को पानी में उबालकर या जलाकर उसके भाप से पूरे शरीर को साफ रखते है । यहां तक कि एक विशेष जड़ी बूटी का लोशन शरीर पर लगाकर चलते है । ताकि धूप और कीटाणुओं से शरीर सुरक्षित रहे ।
Conclusion :
हिम्बा जनजाति के लोग आज भी अपनी सदियों पुरानी संस्कृति और परंपराओं को निभाते आ रहे हैं और आधुनिकता से दूर अपना पारंपरिक जीवन व्यतीत करते आ रहे हैं। आज का पोस्ट Himba Tribe Women के बारे में आपने पढ़ा , हमें उम्मीद है कि यह पोस्ट पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा। धन्यवाद
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