F.J.King Ghost Ship : अमेरिका की एक ऐसी जहाज जो सदियों तक पानी में डूबा रहा । वर्षों तक उस जहाज को खोजा गया , लेकिन उस जहाज का कोई सुराख नहीं मिला जिसके बाद उसका नाम 'घोस्ट शिप' रख दिया गया । हाल ही के खबर के मुताबिक , लगभग 140 साल बाद अब दोबारा ' घोस्ट शिप रिटर्न ' हुआ है । यानी उस जहाज के मलबे का पता चला है जिसका नाम F.J. King था ।
आज हम आपको F. J. king Ship की कहानी बताने वाले है , जो बहुत ही रहस्यमई और इंटरस्टिंग कहानी है । शिप के लापता होने से लेकर , शिप का इतिहास और F.J. King Ghost Ship डूबने का रहस्य , और इतने वर्षों बाद कैसे मिला , किसने खोजा सभी जानकारियां हम यहां पढ़ेंगे ।
FJ किंग जहाज की कहानी
एफ.जे. किंग जहाज को सन् 1967 में ओहियो में बनाया गया था , जो बहुत ही मजबूत , टिकाऊ और विशेष लकड़ी के डिजाइन का इस्तेमाल किया गया था । 19 वीं सदी के महान और कुशल जहाज निर्माता जॉर्ज आर. रोजर्स ने इसे तैयार किया था ।
जहाज की लंबाई 144 फुट थी , जो बंदरगाह से बड़ी से बड़ी और भारी से भारी वस्तुओं को अपने साथ एक साथ ले जा सकता था । जहाज पर दो मस्तूल लगे थे जिसे बाद में तीन कर दिया गया । जहाज के लिए मस्तूल, पाल लगाने के लिए होता था जो हवा के साथ शिप को समुद्री तूफान में भी आगे बढ़ाने का काम करता था ।
जहाज के तूफानी रात का सफर
यह घटना सन् 1986 के समय की है , जब जहाज मिशिगन के एस्कानाबा से शिकागो की ओर लौह अयस्क और अनाज लेकर जा रहा था । उस समय जहाज को चलाने की जिम्मेदारी कप्तान विलियम ग्रिफिन और उनकी टीम की थी ।
ग्रिफिन और उनकी टीम ने सफर के दरम्यान देखा कि बहुत रात भी हो गई है और मौसम भी खराब हो रहा है तथा समुद्री तूफान आ गया है । जहाज का संतुलन बिगड़ रहा है , लेकिन उसके बाद तो मानो तूफान का बवंडर आ गया । समुद्र की लहरे लगभग 10 फीट तक ऊपर आ रही थी , लहरें और हवा से जहाज की लकड़ियां टूट रही थी , जिससे जहाज में दरारें आ गई और पानी जहाज के अंदर आने लगा । जहाज पर मौजूद चालक दल ने जहाज से पानी को निकालने लगे , लेकिन पानी ज्यादा होने के कारण बाहर निकालना अब असंभव हो गया था ।
जहाज का लहरों में गुम हो जाना
एफजे किंग जहाज के कप्तान और टीम ने जहाज से पानी निकालने के लिए पंप भी लगाए , लेकिन पानी की अधिकता के कारण ग्रिफिन को समझ आ गया कि अब जहाज को संभालना असंभव है । उन्होंने तुरन्त जहाज पर मौजूद सभी लोगों को जहाज खाली करने का चेतावनी दिया । संयोगवश उसी समय पास में एक अन्य चालक दल ने सभी को अपने शिप पर बैठाया जिससे उन समुंद्री तूफान से सभी सुरक्षित बच निकले ।
रात को 2 बज रहे थे जहाज कभी लहरों के साथ ऊपर जाता तो कभी नीचे , जहाज में पानी की अधिकता और लौह अयस्क का भार जहाज को आगे से पानी में दबा रहे थे । जहाज का अगला हिस्सा पानी में डूब गया और पीछे से जहाज खड़ा दिखने लगा । लेकिन कुछ समय बाद मिशिगन झील में विस्कॉन्सिन तट के कुछ पास आते आते जहाज पूरी तरह पानी के अंदर चला गया ।
इस घटना से सभी की आंखे फटी की फटी रह गई । बाद में जहाज की खोज भी की गई लेकिन जहाज का कोई सुराग नहीं मिला , इसलिए एफजे जहाज को 'भूतिया जहाज' कहा जाने लगा ।
वर्षों बाद जहाज का पता लगना
एफजे किंग जहाज उस समय एक रहस्य बन गया था कि , आखिर में जहाज कहा गया , उसे ढूंढने के लिए बहुत प्रयत्न किए गए लेकिन सभी प्रयत्न असफल हुए थे । लेकिन समुद्री इतिहासकारों और खोजकर्ताओं ने अपना प्रयास रुकने नहीं दिया और लगातार कोशिश करते रहे जो रंग लाई । मिशिगन झील में डूबे जहाज का पता 28 जून 2025 चल गया ।
एफजे किंग जहाज का पता लगाने का काम खोजकर्ता ब्रेंडन बैइलोड और उनकी टीम ने किया । ब्रेंडन बैइलोड ने मिशिगन झील में जहां जहाज दुर्घटनाग्रस्त हुआ वहां सोनार और रडार सिस्टम लगाकर , बस कुछ आधा मील की दूरी पर समुद्री रहस्य बना जहाज के पता लगा लिया और 140 वर्षों से लापता जहाज के रहस्य भरे चुनौती को भी समाप्त किया ।
Conclusion -
अमेरिका के मिशिगन झील से संबंधित , एफजे किंग जहाज का रहस्य 140 वर्षों तक रहा । जहाज का तूफान में गुम हो जाना और बहुत प्रयत्न के बाद भी नहीं मिलना ये एफजे किंग जहाज की कहानी बहुत ही रोमांचकारी और रहस्यमई रहा । उम्मीद करता हूं कि यह पोस्ट पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा । धन्यवाद
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